इस पोस्ट मे होली के शुभ अवसर पर Short Essay on Holi in Hindi शेयर कर रहे है, जिस निबंध को Class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए लिखी गई है। जिसे इन कक्षा के छात्र अपनों के साथ शेयर कर सकते है, तो चलिये अब Short Essay on Holi in Hindi – होली पर शार्ट मे निबंध में को जानते है।
होली पर शार्ट मे निबंध
Holi Short Essay in Hindi
होली पर शार्ट मे निबंध हिंदी में कैसे लिखें ? होली पर शार्ट मे हिंदी में निबंध, होली पर शार्ट मे भाषण, होली पर निबंध लिखने की कला गूगल पर खूब सर्च की जाती है। स्कूल के लिए बच्चे स्कूल के लिए होली पर निबंध लिखने की तैयारी करते हैं। ऐसे में हम आपके लिए लाये हैं सबसे बेस्ट हिंदी में होली पर शार्ट मे निबंध।
होली को रंगों का त्यौहार भी कहा जाता है। होली भारत के प्रमुख त्यौहारों में से एक है। होली एक प्रमुख भारतीय त्योहार है जो पूरे विश्व में प्रसिद्ध है. होली वसंत ऋतु में मनाया जाने वाला हिन्दुओं का प्रमुख त्यौहार है।
इस त्यौहार को प्रह्लाद की याद में मनाया जाता है। होली को मार्च के महीने में मनाया जाता है। हिन्दुओं के अलावा अन्य धर्मों के लोग भी होली को मनाते हैं। होली भारत के साथ साथ दुसरे देशों में भी खूब धूम धाम से बनाया जाता है। होली आनंद का त्योहार है, जिसे हजारों साल से बनाया जा रहा है। सभी इस दिन एक-दुसरे को रंग लगाकर हीन भावना को समाप्त करने का प्रयास करते है।
यह पर्व लोगों में भाईचारे और प्रेम की भावना को पैदा करता है। होली को हर वर्ष बड़े धूम-धाम, नाच-गाने और रंगों के साथ मनाया जाता है। इन दिनों किसानों की फसलें पक जाती है और चारों ओर होली को लेकर पूरे देश में खुशियो का ही माहौल छा जाता है.
होली को प्रकृति और प्रेम का पर्व भी माना जाता है, हिन्दुओं में सारा परिवार इस अनोखे पर्व का पूरे साल इंतजार करता है, होली एक प्रसिद्ध हिंदू त्योहार है जिसे रंगों के त्योहार के रूप में भी जाना जाता है। होली ज्यादातर मार्च की संभावित तिथियों में पड़ती है। होली वसंत ऋतु की शुरुआत और सर्दियों के अंत का प्रतीक है। इस त्योहार पर लोग रंगों से खेलते हैं।
लोग इस दिन गुझिया, मालपुआ और तरह-तरह के स्नैक्स तैयार करते हैं। कुछ असभ्य लोगों के कारण यह त्यौहार किसी के लिए कष्टकारी हो जाती हैं। यह त्यौहार हमें यह बताता है की बुराई कितनी भी बड़ी क्यों ना हो वह अच्छाई के आगे नहीं टिक सकती है और अंत में अच्छाई की ही जीत होती है।
होली प्रेम और भाईचारे का भी प्रतीक है। होली के दिन हमें वह संकल्प करना चाहिए कि हम सभी के साथ प्रेम व मित्रता का व्यवहार करेंगे। हर साल होली फागुन (मार्च) के महीने में मनाई जाती है। होली रंगों का त्योहार है जो की सभी के परिवार में खुशियाँ लाता है। होलिका दहन को बुराई ख़त्म करने का प्रतीक माना जाता है।
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Short Essay on Holi in Hindi
होली 2 दिन का पर्व है पहले दिन होलिका दहन और दूसरे दिन धुलेंडी के रूप में मनाया जाता है। होली त्यौहार के पीछे पौराणिक प्रहलाद और हिरण्यकश्यप की कथा है। होलिका दहन को अच्छाई की बुराई पर विजय के रूप में जाना जाता है,
ऐसा माना जाता है कि भगवान विष्णु ने अपने भक्त प्रहलाद के प्राणों की रक्षा हिरण्यकश्यप और बुआ होलिका से की थी । होली विभिन्न गाथाओं, पौराणिक कथाओं और कहानियों के अनुसार मनाया जाता है. होलिका दहन पर होलिका जलाने के लिए सूखी लकड़ियां इकट्ठी की जाती है। होलिका दहन के लिए होली के कई दिनों पहले से ही गांव में, गली-मोहल्लों में लकड़ियों के ढेर लगाकर होलीका बनाई जाती है। होली की शाम को लोग नए कपड़े पहनते हैं और अपने रिश्तेदारों को होली की बधाई देने जाते हैं।
होली का प्रतीक बुराई पर अच्छाई की जीत है। होली की कहानी हिरण्यकश्यप, प्रह्लाद और श्री विष्णु जी पर आधारित है। होली का त्योहार मनाने के पीछे प्रहलाद और उसके पिता हिरण कश्यप की कथा मानी जाती है। होली के पहले दिन पूर्णिमा के दिन होलिका दहन की जाती है। इस दिन होलिका का अग्नि में जलकर अन्त हो गया था। तभी से सब होलिका दहन की रसम को पूरा करके होली की अच्छी शुरुआत करते है।
यह त्यौहार अपने आप में उल्लास उमंग तथा उत्साह के लिए जाना जाता है। इसे मेल एवं एकता का पर्व भी कहा जाता है। सभी लोग अपने परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों, दोस्तों तथा पड़ोसियों के साथ रंग खेलते है। होली एक ऐसा त्योहार है जो बुराइयों को खत्म करता है. कुछ लोग इस त्यौहार को खराब करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ते। ऐसे ख़ुशी के मौके पर कई सारे लोग शराब पीकर जगह-जगह नाटक करते है. लोग जुआ खेलकर तथा शराब पीकर इस दिन की ख़ुशी को तो खत्म करते ही है,
होली का त्यौहार एक समानता का त्यौहार है। भारत के विभिन्न राज्य अलग-अलग तरीकों से होली मनाते हैं और प्रत्येक उत्सव अद्वितीय और सुंदर होता है। इस त्यौहार में लोग आपस के मत-भेद भूल कर नई जीवन की शुरुआत के साथ अपने अंदर नई ऊर्जा को भी ले आते हैं।
दिन भर रंग खेलने के बाद शाम को सभी लोग स्नान करके नए कपड़े पहनते हैं और बच्चे, बूढ़े, और नौजवान सभी एक दूसरे को गले मिलकर अबीर गुलाल लगाते हैं। होली की खुशियाँ बांटने के लिए लोग एक दूसरे के घरों में जाते है। इस त्यौहार पर स्कूल व अन्य स्थानों की छुट्टी के कारण बच्चों के मन में पूर्ण उत्साह होता है बच्चों की टोली रंगों से खेलती है मिठाइयां खाती हैं तथा खूब मस्ती करते हैं|
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