इस पोस्ट मे होली के शुभ अवसर पर Happy Holi के लिए Holi Essay in Hindi 700 Words शेयर कर रहे है, जिस निबंध को Class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए लिखी गई है। जिसे इन कक्षा के छात्र अपनों के साथ शेयर कर सकते है, तो चलिये अब 700 Words On Holi In Hindi Essay – होली पर निबंध 700 शब्द में को जानते है।

होली पर निबंध 700 शब्द

Essay on Holi in Hindi 700 words

होली पर निबंध 700 शब्द | Holi Essay in Hindi 700 words

होली का त्यौहार प्राचीन काल से ही मनाया जाता आ रहा है और इसे मनाने वालों की संख्या करोड़ों में है. होली एक ऐसा रंगबिरंगा त्योहार है, जिस हर धर्म के लोग पूरे उत्साह और मस्ती के साथ मनाते हैं। इस दिन सारे लोग अपने पुराने गिले-शिकवे भूल कर गले लगते हैं और एक दूजे को गुलाल लगाते हैं। समाज में चल रही कुरीतियों को समाप्त करने का भी पर्व हम इसे कह सकते है। लोग महिनों पहले से अपने घर के छतों पर विभिन्न तरह के पापड़ और चिप्स आदि को सुखाने में लग जाते हैं।

इस पर्व के अवसर पर सभी आयु वर्ग के लोगों के चेहरे पर प्रसन्नता की चमक लहराती है| यह त्यौहार बिना रंगो के बनाया ही नहीं जा सकता क्योंकि रंग खेलना ही इस त्यौहार की जान है। बच्चे एक-दूसरे पर रंगों से भरे गुब्बारे फेंकते है तथा पिचकारी मारकर एक-दूसरे को पूरा रंग-बिरंगा कर देते है। होली हमारी नई फसलों का भी त्योहार है. इन दिनों हमारी फसलें कटकर कच्चे माल के रूप में तैयार हो जाती है.

होली का त्यौहार रंगों का त्योहार है, जो बसंत ऋतु में मनाया जाता है । प्रकृति में रंग-बिरंगे फूल बसंत के आगमन का मानो हृदय से स्वागत करते हैं। बसंत के रंगों का प्रतीक बनकर यह त्योहार हर साल फागुन मास की पूर्णिमा के दिन बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इसीलिए फागुन का महीना मौज-मस्ती का महीना कहा जाता है।

होली से एक दिन पहले लोग होलिका दहन मनाते हैं। होली में रंग लगाने का चलन राधा कृष्ण की कहानी से शुरू हुआ। होली का त्योहार दैत्यराज हिरण्यकश्यप के धर्मनिष्ठ पुत्र प्रह्लाद और उनकी अनुजा होलिका से संबंधित घटना की स्मृति में मनाया जाता है। होली पर नए वस्त्र धारण कर भगवान विष्णु के अवतार भगवान नरसिंह की पूजा की जाती है तथा प्रसाद वितरण किया जाता है| हिरण्यकश्यप और प्रह्लाद की कहानी होली के त्योहार से जुड़ी है।

होली के दिन सभी घरों में गुझिया, पापड़, नमकीन, मिठाई आदि पकवान बनाये जाते हैं। होली पर सभी लोग हँसी और ख़ुशी के साथ एक दुसरे को रंग लगाकर होली त्यौहार का पूरा आनंद लेते है, होली में लोग अलग अलग रंगो से खेलते है और ये त्यौहार प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है। यह खुशियां बांटने वाला त्यौहार है, इस दिन सभी लोग एक दूसरे से गले मिलकर खुशी-खुशी इस त्यौहार को मनाते है।

इस त्यौहार में लोग अपने सारे पुराने बैरभाव, गिले-शिकवे त्याग कर एक दूसरे को गुलाल लगाकर गले मिलते हैं। होली “प्यार में एक दूसरे को रंगने” का प्रतीक है। हर साल होली के पहले दिन पूर्णिमा की रात को होलिका दहन की जाती है। होली के त्यौहार को भारत व अन्य देशों में भी मनाया जाता है।

भारत में यह पर्व बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन सभी स्कूल और सरकारी दफ़्तर बंद रहते हैं। इस त्यौहार का सबसे ज्यादा आनन्द बच्चे उठाते है, होली के दिन सभी लोग अपने घरों में अलग-अलग पकवानों को बनाते हैं। होली के दिन सभी लोग एक दुसरे के घर में जाकर पकवान खाते हैं और रंग लगाते है।

यह त्यौहार बसंत ऋतु के फाल्गुन मास में मनाया जाता है। होली के दिन सभी लोग अपने रिश्तेदारों के घर जा कर एक दूसरे पर रंग लगाते हैं। होली की खुशियां को बांटने के लिए सभी हिन्दू धर्म के लोग आस पड़ोस के लोगों के घरों में जाकर रंगों से खेलते है,

होलिका दहन अगला दिन रंग-भरी होली का होता है। इसे धुलैंडी भी कहते हैं। इस दिन सभी धर्म और जाति के छोटे-बड़े बच्चे-बूढ़े, स्त्री-पुरुष एक दूसरे को गुलाल लगाते हैं और रंग डालते हैं।सड़कों पर मस्त युवकों की टोली गाती बजाती निकलती है। एक-दूसरे को मिठाईयां खिलाते हैं और अपने मधुर संबंधों को और भी प्रगाढ़ बनाते हैं।

Holi Essay in Hindi 700 words

होली के इतिहास कि बात करें तो माना जाता है कि हरिण्यकश्यप नाम का एक शैतान राजा था। जिसे अपनी ताकत का बेहद घमंड था। उनका एक बेटा था जिसका नाम प्रह्लाद था और एक बहन थी जिसका नाम होलिका था। प्रह्लाद विष्णु भगवान का भक्त था। शैतान राजा को ब्रह्मा का आशीर्वाद था कि कोई भी आदमी, जानवर या हथियार उसे मार नहीं सकता था। लेकिन ये आशीर्वाद उसके लिए अभिशाप बन गया। घमंड के कारण हरिण्यकश्यप ने अपनी प्रजा को ये आदेश दिया कि राज्य में भगवान कि नहीं राजा कि पूजा कि जाए और इसी आदेश के चलते राजा ने अपने पुत्र को मार डालने का भी प्रयास किया क्योकि वे विष्णु भगवान कि पूजा में विश्वास रखता था। लेकिन उसकी ये चाल कामयाब न हो पाई।

होली के उत्सव के आगमन के लिए हर कोई उत्साहित रहते है, होली के दिन सभी लोग इकट्ठा होकर मौज मस्ती करते हैं। राशन तथा कपड़ों की दुकानों पर खरीदारी के लिए विशेष भीड़ देखने को मिलती है। होली के दिन अलग अलग रंगों से खेलते है उसी में एक लठ मार होली भी होती है। होली बच्चों को बहुत पसंद हैं। इसलिए बच्चे के लिए होली सबसे ज्यादा मौज-मस्ती ओर खुशियों मनाने वाला त्यौहार हैं।

होली से अगला दिन अर्थात चैत्र की प्रतिपदा को लोग रंग खेलते हैं। इसे धुलैंडी कहते हैं । लोग एक दूसरे से मिलने के लिए उनके घर जाते हैं जहां गुलाल और रंग से उनका स्वागत किया जाता है इस दिन लोग अपनी शत्रुता भूलकर शत्रु को भी गले लगाते हैं। होली के रंग में रंगकर धनी-निर्धन, काले-गोरे, ऊंच-नीच, बालक-वृद्ध के बीच की सीमा टूट जाती है, और सभी खुले भाव से एक दूसरे का सत्कार ,आदर करते हुए इस पर्व का आनंद लेते है।

यह यह रंगों का एक विश्व प्रसिद्ध पर्व है। होली हिन्दुओं का प्रमुख त्यौहार है जिसे हर साल धूम-धाम से मनाया जाता है। प्यार भरे रंगों से सजा यह पर्व हर धर्म, संप्रदाय, जाति के बंधन खोलकर भाई-चारे का संदेश देता है। सम्पूर्ण भारत में होली का त्यौहार मनाया जाता है।

होली का त्यौहार दो दिन तक मनाए जाने वाला त्यौहार है। जिसमें एक दिन होलिका जलाई जाती है और दूसरे दिन रंगो कि होली खेली जाती है। होलिका जो हरिण्यकश्यप कि बहन थी उसे वरदान था कि अग्नि उसका बाल भी बाक़ा नहीं कर सकती। जिसका फायदा उठाते हुए राजा ने प्रह्लाद को मारने कि साज़िश रची जिसमे उसने होलिका कि गोद में प्रह्लाद को बिठाकर उसे अग्नि में बैठ जाने को कहा। उसे लगा कि होलिका नहीं जलेगी और प्रह्लाद कि मृत्यु हो जाएगी लेकिन प्रह्लाद का बाल भी बांका न हुआ और होलिका कि मृत्यु होगी। इसी ख़ुशी में होली खेलकर मानाने से एक रात पहले महूरत अनुसार होलिका जलाई जाती है। फिर अगले दिन खेली जाती है।

रंग लगाते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए की रंग किसी व्यक्ति के आंख, कान, नाक जैसे संवेदनशील अंगों पर ना लगे। यदि किसी को रंगों से एलर्जी हो तो उसे रंग नहीं लगाना चाहिए। सड़क पर जा रहे लोगों एवं वाहनों के ऊपर किसी भी प्रकार के रंग एवं पानी नहीं फेंकना चाहिए नहीं तो सड़क दुर्घटना होने की संभावना होती है।

किसी के ऊपर धूल एवं मिट्टी नहीं फेंकना चाहिए। होली खेलने के लिए गंदे पानी का इस्तेमाल बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। किसी प्रकार के रासायनिक पदार्थ (जो त्वचा को नुकसान पहुंचाएं) का उपयोग नहीं करना चाहिए। होली खेलने के लिए ग्रीस तथा पेंट जैसे हानिकारक पदार्थों का उपयोग बिल्कुल भी ना करें।

कुछ लोग जान-बूझकर हल्के रंगो के बजाए गहरे कैमिकल युक्त रंग दूसरों के ऊपर लगा देते है। इससे भी लोगों को काफी सारा नुकसान तथा परेशानी का सामना करना पड़ता है। होली केवल एक त्योहार ही नहीं बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं से जुड़ा हुआ अहम हिस्सा है.

होली बुराई पर अच्छाई कि जीत को उत्साह से मनाने का नाम है। लेकिन हर त्यौहार कि तरह अब माईने बदल गए है। जहाँ अब भी कुछ जगहों पर होली को तरीके से खुशियां मनाने और बांटने के लिए होली के त्यौहार का स्वागत किया जाता है। वहीँ आज ज़्यादातर जनसंख्या केवल खाने पीने और मनोरंजन के लिए इसका इंतज़ार करती है जिसमे युवाओ का वर्ग ख़ास तौर पर शामिल है। मदिरा का सेवन और शोर गुल ही मनोरंजन बन चूका जो हमारे भविष्य के लिए खतरे कि घंटी है।

दिन भर रंगों से खेलने व नाच गाने के पश्चात सभी संध्या में नये वस्त्र पहनते हैं, सभी लोगों को होली के दिन गुलाल का प्रयोग करना चाहिए। हम अलग-अलग रंगों जैसे नीला, लाल, हरा, नारंगी आदि में होली खेलते हैं। होली एकजुटता का पर्व है। आजकल रंगों के नाम पर होली के त्यौहार पर हानिकारक रसायनों से रंगों का उपयोग करने लगे हैं। जो की स्किन और आँखों के लिए हानिकारक होते हैं।

यह पर्व लोगों में भाईचारे और प्रेम की भावना को पैदा करता है। होली को हर वर्ष बड़े धूम-धाम, नाच-गाने और रंगों के साथ मनाया जाता है। इन दिनों किसानों की फसलें पक जाती है और चारों ओर होली को लेकर पूरे देश में खुशियो का ही माहौल छा जाता है. इस त्यौहार को प्रह्लाद की याद में मनाया जाता है। होली को मार्च के महीने में मनाया जाता है। हिन्दुओं के अलावा अन्य धर्मों के लोग भी होली को मनाते हैं।

होली बुराई पर अच्छाई की जीत का भी प्रतीक है। इस दिन संध्या के समय जगह-जगह सम्मेलनों और गोष्ठिओं का आयोजन होता है, जहाँ रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किये जाते हैं। इस त्यौहार में लोग अपने सारे पुराने बैरभाव, गिले-शिकवे त्याग कर एक दूसरे को गुलाल लगाकर गले मिलते हैं।

तो आप सभी को यह आर्टिकल होली पर निबंध - Holi Essay on Holi in Hindi 700 words जरूर पसंद आया होगा, जिसे आप दोस्तो के साथ शेयर कर सकते है और अपने क्लास मे होली पर 700 शब्दो मे निबंध भी लिख सकते है। तो आपको यह आर्टिकल कैसा लगा, कमेन्ट मे जरूर बताए, और इस निबंध होली पर निबंध 700 शब्द - Holi Essay on Holi in Hindi 700 words को शेयर भी जरूर करे।

Holi Essay on Holi in Hindi 700 words FAQ’s

होली का क्या अर्थ है

उत्तरहोली का त्यौहार बसंत के आगमन और अच्छाई की बुराई पर जीत का प्रतीक है। इसे एक खेल की मान्यता के रूप में भगवान कृष्ण ने दिया, जो अपनी पत्नी राधा और गोपियों, या दूधियों के साथ खेला करते थे। 

होली इस वर्ष (2024) में किस दिन मनाई जायेगी ?

इस साल 2024 में होली का पर्व 25 मार्च को मनाया जायेगा।

होली के लिए कितने दिन का अवकाश दिया जाता है ?

होली के लिए 2 दिन का अवकाश दिया जाता है।

होली के दिन हमे कैसे रंगों का प्रयोग करना चाहिए ?

सभी लोगों को होली पर बिना केमिकल वाले रंगों का प्रयोग करना चाहिए।

रंगो का त्यौहार होली पर एक निबंध लिखिए। कैसे और क्यों मनाई जाती है ?

इस दिन सभी लोग अपने गिले-शिकवे भूलकर एक दूसरे को गले लगकर एक दूसरे के ऊपर रंग-गुलाल लगाते हैं। इस दिन शाम के वक्त लोग नए-नए कपड़े पहन कर एक दूसरे के घर जाते हैं। होली के दिन लोगअपने घर में में तरह-तरह के पकवान बनाते हैं। होली बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है।

भारत में होली अलग-अलग राज्यों में कैसे मनाई जाती है ?

भारत में अलग -अलग राज्यों में अलग-अलग तरीके से होली को मनाया जाता है जैसे – हरियाणा में धुलेंडी होली, बंगाल में डोल पूर्णिमा,राजस्थान की तमाशा होली, मध्य प्रदेश की भगौरिया होली, पंजाब में होला मोहल्ला का मेला, महाराष्ट्र में रंगपंचमी आदि इसमें प्रसिद्ध हैं।

होली का इतिहास क्या है

उत्तरमान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु ने राक्षस हिरण्यकश्यप की हत्या कर दी थी। क्यूंकि हिरण्यकश्यप भगवान विष्णु से नफरत करता था और उसका पुत्र प्रह्लाद भगवन विष्णु का बहुत बड़ा भक्त था। हिरण्यकश्यप की बहन होलिका नाराज होकर प्रह्लाद को लेकर चिता में बैठ गई लेकिन प्रह्लाद को कुछ भी नहीं हुआ। होलिका आग में भस्म हो गई। तभी से इस त्यौहार की मान्यता होली के रूप में है। 

होलिका दहन किस दिन किया जाता है?
होलिका दहन फाल्गुन (फागुन) मास की पूर्णिमा के दिन किया जाता है.

होलिका को कौन सा वरदान मिला था?
अग्नि में न जलने का वरदान प्राप्त था.

होली के उपलक्ष में कौन-कौन से पकवान बनाये जाते हैं ?

होली पर सभी लोग अपने घरों में गुझिया, पापड़, नमकीन, मिठाई, आदि पकवान बनाते हैं।

होली पर हमे कौन-कौन सी बातों को ध्यान में रखना होता है ?

होली मनाते समय लोगों को कुछ बातों को ध्यान में रखना चाहिए जिसकी सूची नीचे दी जा रही है।

  1. होली मनाते समय सभी लोग कांच वाले रंगों का प्रयोग ना करें।
    रोड पर चलते वाहनों पर पानी से भरे गुब्बारों व पिचकारी को ना मारे। यह दुर्घटना का कारण बन सकता है।
  2. होली खेलते समय अपनी आँखों को बचाये व रंगों को लगाते समय चश्मे का प्रयोग करें.
  3. होली के दिन ऐल्कोहॉल का सेवन कर के वाहनों को ना चलाएं.

होली का क्या महत्व है?

होली का महत्‍व - बुराई पर अच्‍छाई की जीत की प्रतीक होली का सामाजिक महत्‍व भी है। यह एक ऐसा पर्व होता है जब लोग आपसी मतभेद भुलाकर एक हो जाते हैं। मान्‍यता है कि इस दिन अगर किसी को लाल रंग का गुलाल लगाया जाए तो सभी तरह के मनभेद और मतभेद दूर हो जाते हैं। क्‍योंकि लाल रंग प्‍यार और सौहार्द का प्रतीक होता है।

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