जो छात्र कक्षा 11 मे पढ़ते है, उनको अपने स्कूल मे होली पर निबंध कक्षा 11 Holi Essay in Hindi for Class 11 लिखने को दिया जाता है, तो उन विद्यार्थियो के लिए इस पोस्ट मे होली पर निबंध कक्षा 11 के लिए बताने जा रहे है, जिसकी सहायता से आप अपने क्लास मे होली पर निबंध - Essay On Holi Hindi for Class 11 लिख सकते है। और होली के बारे मे जानकारी देने के लिए इस होली पर निबंध कक्षा 11 Essay on Holi Hindi for Class Seven को शेयर भी कर सकते है, और इसे पढ़कर होली के महत्व को भी बता सकते है,
होली पर निबंध कक्षा 11
भारत देश में बहुत से त्योहारों को मनाया जाता है। जिसमे एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्यौहार “होली” है। Essay on Holi in Hindi for Class 11 आर्टिकल के माध्यम से होली पर निबंध कक्षा 11 नीचे दी जा रही है। होली से सम्बन्धित निबंध व पंक्तियाँ परीक्षा में भी पूछे जाते हैं। अतः होली पर निबंध कक्षा एक से सभी जानकारियों को आर्टिकल में दिया जा रहा है।
होली का त्यौहार प्राचीन काल से ही मनाया जाता आ रहा है और इसे मनाने वालों की संख्या करोड़ों में है. होली एक ऐसा रंगबिरंगा त्योहार है, जिस हर धर्म के लोग पूरे उत्साह और मस्ती के साथ मनाते हैं। इस दिन सारे लोग अपने पुराने गिले-शिकवे भूल कर गले लगते हैं और एक दूजे को गुलाल लगाते हैं। समाज में चल रही कुरीतियों को समाप्त करने का भी पर्व हम इसे कह सकते है। लोग महिनों पहले से अपने घर के छतों पर विभिन्न तरह के पापड़ और चिप्स आदि को सुखाने में लग जाते हैं।
यह यह रंगों का एक विश्व प्रसिद्ध पर्व है। होली हिन्दुओं का प्रमुख त्यौहार है जिसे हर साल धूम-धाम से मनाया जाता है। प्यार भरे रंगों से सजा यह पर्व हर धर्म, संप्रदाय, जाति के बंधन खोलकर भाई-चारे का संदेश देता है। सम्पूर्ण भारत में होली का त्यौहार मनाया जाता है।
इस त्यौहार में लोग अपने सारे पुराने बैरभाव, गिले-शिकवे त्याग कर एक दूसरे को गुलाल लगाकर गले मिलते हैं। होली “प्यार में एक दूसरे को रंगने” का प्रतीक है। हर साल होली के पहले दिन पूर्णिमा की रात को होलिका दहन की जाती है। होली के त्यौहार को भारत व अन्य देशों में भी मनाया जाता है।
होली के लिए सभी सरकारी कर्मचारियों व छात्रों को 11 दिन का अवकाश दिया जाता है। अमीर-गरीब, ऊँच- नीच का भेद भुलाकर सभी आनंद के साथ होली में झूमते नज़र आते हैं। भारत के अलग-अलग जगहों पर अलग अलग तरीके से होली मनाई जाती है। जैसे-ब्रज की होली, वृंदावन की होली, बरसाना की लठमार होली, मथुरा की होली, कासी की होली इत्यादि। होली में लोग रिश्तेदारों, परिवार के सदस्यों और दोस्तों से मिलते हैं।
कुछ लोग जान-बूझकर हल्के रंगो के बजाए गहरे कैमिकल युक्त रंग दूसरों के ऊपर लगा देते है। इससे भी लोगों को काफी सारा नुकसान तथा परेशानी का सामना करना पड़ता है। होली केवल एक त्योहार ही नहीं बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं से जुड़ा हुआ अहम हिस्सा है.
होली के उत्सव के आगमन के लिए हर कोई उत्साहित रहते है, होली के दिन सभी लोग इकट्ठा होकर मौज मस्ती करते हैं। राशन तथा कपड़ों की दुकानों पर खरीदारी के लिए विशेष भीड़ देखने को मिलती है। होली के दिन अलग अलग रंगों से खेलते है उसी में एक लठ मार होली भी होती है।होली बच्चों को बहुत पसंद हैं। इसलिए बच्चे के लिए होली सबसे ज्यादा मौज-मस्ती ओर खुशियों मनाने वाला त्यौहार हैं।
रंग लगाते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए की रंग किसी व्यक्ति के आंख, कान, नाक जैसे संवेदनशील अंगों पर ना लगे। यदि किसी को रंगों से एलर्जी हो तो उसे रंग नहीं लगाना चाहिए। सड़क पर जा रहे लोगों एवं वाहनों के ऊपर किसी भी प्रकार के रंग एवं पानी नहीं फेंकना चाहिए नहीं तो सड़क दुर्घटना होने की संभावना होती है।
किसी के ऊपर धूल एवं मिट्टी नहीं फेंकना चाहिए। होली खेलने के लिए गंदे पानी का इस्तेमाल बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। किसी प्रकार के रासायनिक पदार्थ (जो त्वचा को नुकसान पहुंचाएं) का उपयोग नहीं करना चाहिए। होली खेलने के लिए ग्रीस तथा पेंट जैसे हानिकारक पदार्थों का उपयोग बिल्कुल भी ना करें।
होली से एक दिन पहले लोग होलिका दहन मनाते हैं। होली में रंग लगाने का चलन राधा कृष्ण की कहानी से शुरू हुआ। होली का त्योहार दैत्यराज हिरण्यकश्यप के धर्मनिष्ठ पुत्र प्रह्लाद और उनकी अनुजा होलिका से संबंधित घटना की स्मृति में मनाया जाता है। होली पर नए वस्त्र धारण कर भगवान विष्णु के अवतार भगवान नरसिंह की पूजा की जाती है तथा प्रसाद वितरण किया जाता है| हिरण्यकश्यप और प्रह्लाद की कहानी होली के त्योहार से जुड़ी है।
होली के दिन सभी घरों में गुझिया, पापड़, नमकीन, मिठाई आदि पकवान बनाये जाते हैं। होली पर सभी लोग हँसी और ख़ुशी के साथ एक दुसरे को रंग लगाकर होली त्यौहार का पूरा आनंद लेते है, होली में लोग अलग अलग रंगो से खेलते है और ये त्यौहार प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है। यह खुशियां बांटने वाला त्यौहार है, इस दिन सभी लोग एक दूसरे से गले मिलकर खुशी-खुशी इस त्यौहार को मनाते है।
होली बुराई पर अच्छाई की जीत का भी प्रतीक है। इस दिन संध्या के समय जगह-जगह सम्मेलनों और गोष्ठिओं का आयोजन होता है, जहाँ रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किये जाते हैं। इस त्यौहार में लोग अपने सारे पुराने बैरभाव, गिले-शिकवे त्याग कर एक दूसरे को गुलाल लगाकर गले मिलते हैं।
भारत में यह पर्व बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन सभी स्कूल और सरकारी दफ़्तर बंद रहते हैं। इस त्यौहार का सबसे ज्यादा आनन्द बच्चे उठाते है, होली के दिन सभी लोग अपने घरों में अलग-अलग पकवानों को बनाते हैं। होली के दिन सभी लोग एक दुसरे के घर में जाकर पकवान खाते हैं और रंग लगाते है।
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यह पर्व लोगों में भाईचारे और प्रेम की भावना को पैदा करता है। होली को हर वर्ष बड़े धूम-धाम, नाच-गाने और रंगों के साथ मनाया जाता है। इन दिनों किसानों की फसलें पक जाती है और चारों ओर होली को लेकर पूरे देश में खुशियो का ही माहौल छा जाता है. इस त्यौहार को प्रह्लाद की याद में मनाया जाता है। होली को मार्च के महीने में मनाया जाता है। हिन्दुओं के अलावा अन्य धर्मों के लोग भी होली को मनाते हैं।
यह त्यौहार बसंत ऋतु के फाल्गुन मास में मनाया जाता है। होली के दिन सभी लोग अपने रिश्तेदारों के घर जा कर एक दूसरे पर रंग लगाते हैं। होली की खुशियां को बांटने के लिए सभी हिन्दू धर्म के लोग आस पड़ोस के लोगों के घरों में जाकर रंगों से खेलते है,
दिन भर रंगों से खेलने व नाच गाने के पश्चात सभी संध्या में नये वस्त्र पहनते हैं, सभी लोगों को होली के दिन गुलाल का प्रयोग करना चाहिए। हम अलग-अलग रंगों जैसे नीला, लाल, हरा, नारंगी आदि में होली खेलते हैं। होली एकजुटता का पर्व है। आजकल रंगों के नाम पर होली के त्यौहार पर हानिकारक रसायनों से रंगों का उपयोग करने लगे हैं। जो की स्किन और आँखों के लिए हानिकारक होते हैं।
यह त्योहार हमारी प्राचीन संस्कृति का अंग है. यह कृष्ण और राधा की प्रेम कहानी का भी अंश है. यह त्योहार हमें हमारे संस्कृति से जोड़ने का कार्य करता है, अतः इस दृष्टी से यह हमारे लिए बहुत अधिक महत्वपूर्ण है। होली भारतीय त्योहार है लेकिन कई बार इसे विदेशों में भी लोगों द्वारा बड़े ही उत्साह के साथ मनाते हुए देखा जाता है। फाल्गुन की पूर्णिमा से उड़ते गुलाल व ढोलक की ताल से शुरू हुई होली भारत के कोने- कोने में विभिन्न प्रकार से हर्षोंल्लास के साथ मनाई जाती है।
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होली को रंगों का त्यौहार भी कहा जाता है। होली भारत के प्रमुख त्यौहारों में से एक है। होली एक प्रमुख भारतीय त्योहार है जो पूरे विश्व में प्रसिद्ध है. होली वसंत ऋतु में मनाया जाने वाला हिन्दुओं का प्रमुख त्यौहार है।
यह पर्व लोगों में भाईचारे और प्रेम की भावना को पैदा करता है। होली को हर वर्ष बड़े धूम-धाम, नाच-गाने और रंगों के साथ मनाया जाता है। इन दिनों किसानों की फसलें पक जाती है और चारों ओर होली को लेकर पूरे देश में खुशियो का ही माहौल छा जाता है.
इस त्यौहार को प्रह्लाद की याद में मनाया जाता है। होली को मार्च के महीने में मनाया जाता है। हिन्दुओं के अलावा अन्य धर्मों के लोग भी होली को मनाते हैं। होली भारत के साथ साथ दुसरे देशों में भी खूब धूम धाम से बनाया जाता है। होली आनंद का त्योहार है, जिसे हजारों साल से बनाया जा रहा है। सभी इस दिन एक-दुसरे को रंग लगाकर हीन भावना को समाप्त करने का प्रयास करते है।
होली को प्रकृति और प्रेम का पर्व भी माना जाता है
हिन्दुओं में सारा परिवार इस अनोखे पर्व का पूरे साल इंतजार करता है। होली एक प्रसिद्ध हिंदू त्योहार है जिसे रंगों के त्योहार के रूप में भी जाना जाता है। होली ज्यादातर मार्च की संभावित तिथियों में पड़ती है। होली वसंत ऋतु की शुरुआत और सर्दियों के अंत का प्रतीक है। इस त्योहार पर लोग रंगों से खेलते हैं।
लोग इस दिन गुझिया, मालपुआ और तरह-तरह के स्नैक्स तैयार करते हैं। कुछ असभ्य लोगों के कारण यह त्यौहार किसी के लिए कष्टकारी हो जाती हैं। यह त्यौहार हमें यह बताता है की बुराई कितनी भी बड़ी क्यों ना हो वह अच्छाई के आगे नहीं टिक सकती है और अंत में अच्छाई की ही जीत होती है।
होली का त्योहार भारत के अलावा अन्य देशों में भी मनाया जाता है। होली पर सभी टीवी चैनलों में होली के गीत, अनेक विशेष कार्यक्रम तथा न्यूज चैनलों के माध्यम से विभिन्न स्थानों की होली प्रसारित की जाती है। होली का त्यौहार वृन्दावन, मथुरा, खाटू श्याम आदि जैसे मंदिरों में बड़ी ही धूम धाम के साथ मनाया जाता है। मथुरा और वृंदावन में होली की अलग छटा नज़र आती है। यहां होली की धूम 11 दिन तक छाई रहती है।
होली प्रेम और भाईचारे का भी प्रतीक है। होली के दिन हमें वह संकल्प करना चाहिए कि हम सभी के साथ प्रेम व मित्रता का व्यवहार करेंगे। हर साल होली फागुन (मार्च) के महीने में मनाई जाती है। होली रंगों का त्योहार है जो की सभी के परिवार में खुशियाँ लाता है। होलिका दहन को बुराई ख़त्म करने का प्रतीक माना जाता है।
होली 11 दिन का पर्व है पहले दिन होलिका दहन और दूसरे दिन धुलेंडी के रूप में मनाया जाता है। होली त्यौहार के पीछे पौराणिक प्रहलाद और हिरण्यकश्यप की कथा है। होलिका दहन को अच्छाई की बुराई पर विजय के रूप में जाना जाता है,
भक्त प्रह्लाद ने भगवान विष्णु की भक्ति से असुरों पर सफलता प्राप्त की (बुराई पर अच्छाई की जीत) और सभी को प्रेम का संदेश दिया. यह त्यौहार विष्णु जी के परम भक्त प्रहलाद के आग से बचने और होलिका के आग में जलने की ख़ुशी में मनाया जाता है।
ऐसा माना जाता है कि भगवान विष्णु ने अपने भक्त प्रहलाद के प्राणों की रक्षा हिरण्यकश्यप और बुआ होलिका से की थी । होली विभिन्न गाथाओं, पौराणिक कथाओं और कहानियों के अनुसार मनाया जाता है. होलिका दहन पर होलिका जलाने के लिए सूखी लकड़ियां इकट्ठी की जाती है। होलिका दहन के लिए होली के कई दिनों पहले से ही गांव में, गली-मोहल्लों में लकड़ियों के ढेर लगाकर होलीका बनाई जाती है। होली की शाम को लोग नए कपड़े पहनते हैं और अपने रिश्तेदारों को होली की बधाई देने जाते हैं।
होली का प्रतीक बुराई पर अच्छाई की जीत है। होली की कहानी हिरण्यकश्यप, प्रह्लाद और श्री विष्णु जी पर आधारित है। होली का त्योहार मनाने के पीछे प्रहलाद और उसके पिता हिरण कश्यप की कथा मानी जाती है। होली के पहले दिन पूर्णिमा के दिन होलिका दहन की जाती है। इस दिन होलिका का अग्नि में जलकर अन्त हो गया था। तभी से सब होलिका दहन की रसम को पूरा करके होली की अच्छी शुरुआत करते है।
प्रहलाद विष्णु का बहुत बड़ा भक्त था। इसलिए उसे हर प्रकार के संकटों से स्वयं ईश्वर बचाते थे। होलिका दहन के दिन सभी लोग अपने घरो से लकडिया, गोबर के उपले और घर में बने कुछ पकवान अग्नि को समर्पित करते है।
होली के पहले दिन लोगों द्वारा होलिका दहन किया जाता है. इस दिन लोगों अपनी नकारात्मक शक्ति और भावनाओं को आहुति देते है, होली जलाने के लिये सुखी लकड़िया इकट्ठा की जाती है। कई जगह पर गोबर से बने उपलों के खिलोनो की माला डाली जाती है। होली दहन के पहले सभी स्त्रियां होली की पूजा और परिक्रमा करती है। होली का पर्व दो दिन के लिए आता है पहले दिन होलिका दहन किया जाता है और दूसरे दिन होली का दिन होता है।
यह त्यौहार अपने आप में उल्लास उमंग तथा उत्साह के लिए जाना जाता है। इसे मेल एवं एकता का पर्व भी कहा जाता है। सभी लोग अपने परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों, दोस्तों तथा पड़ोसियों के साथ रंग खेलते है। होली एक ऐसा त्योहार है जो बुराइयों को खत्म करता है. कुछ लोग इस त्यौहार को खराब करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ते। ऐसे ख़ुशी के मौके पर कई सारे लोग शराब पीकर जगह-जगह नाटक करते है. लोग जुआ खेलकर तथा शराब पीकर इस दिन की ख़ुशी को तो खत्म करते ही है,
होली का त्यौहार एक समानता का त्यौहार है। भारत के विभिन्न राज्य अलग-अलग तरीकों से होली मनाते हैं और प्रत्येक उत्सव अद्वितीय और सुंदर होता है। इस त्यौहार में लोग आपस के मत-भेद भूल कर नई जीवन की शुरुआत के साथ अपने अंदर नई ऊर्जा को भी ले आते हैं।
दिन भर रंग खेलने के बाद शाम को सभी लोग स्नान करके नए कपड़े पहनते हैं और बच्चे, बूढ़े, और नौजवान सभी एक दूसरे को गले मिलकर अबीर गुलाल लगाते हैं। होली की खुशियाँ बांटने के लिए लोग एक दूसरे के घरों में जाते है। इस त्यौहार पर स्कूल व अन्य स्थानों की छुट्टी के कारण बच्चों के मन में पूर्ण उत्साह होता है बच्चों की टोली रंगों से खेलती है मिठाइयां खाती हैं तथा खूब मस्ती करते हैं|
बच्चे पानी के पिचकारिया छोड़ते हैं और गुब्बारे फोड़ते हैं। छोटे बच्चे गुब्बारे में पानी भर कर किसी के भी ऊपर फेंक देते है और बुरा न मानो होली है कह कर आगे बढ़ जाते है। होली के दिन सभी घरों में गुझिया, पापड़, नमकीन, मिठाई आदि पकवान बनाये जाते हैं।होली पर सभी लोग हँसी और ख़ुशी के साथ एक दुसरे को रंग लगाकर होली त्यौहार का पूरा आनंद लेते है.
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Essay on Holi in Hindi for Class 11 FAQ’s
होली का क्या अर्थ है?
उत्तर – होली का त्यौहार बसंत के आगमन और अच्छाई की बुराई पर जीत का प्रतीक है। इसे एक खेल की मान्यता के रूप में भगवान कृष्ण ने दिया, जो अपनी पत्नी राधा और गोपियों, या दूधियों के साथ खेला करते थे।
होली इस वर्ष (2023) में किस दिन मनाई जायेगी ?
इस साल 2024 में होली का पर्व 08 मार्च को मनाया जायेगा।
होली के लिए कितने दिन का अवकाश दिया जाता है ?
होली के लिए 2 दिन का अवकाश दिया जाता है।
होली के दिन हमे कैसे रंगों का प्रयोग करना चाहिए ?
सभी लोगों को होली पर बिना केमिकल वाले रंगों का प्रयोग करना चाहिए।
भारत में होली अलग-अलग राज्यों में कैसे मनाई जाती है ?
भारत में अलग -अलग राज्यों में अलग-अलग तरीके से होली को मनाया जाता है जैसे – हरियाणा में धुलेंडी होली, बंगाल में डोल पूर्णिमा,राजस्थान की तमाशा होली, मध्य प्रदेश की भगौरिया होली, पंजाब में होला मोहल्ला का मेला, महाराष्ट्र में रंगपंचमी आदि इसमें प्रसिद्ध हैं।
होली का इतिहास क्या है?
उत्तर – मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु ने राक्षस हिरण्यकश्यप की हत्या कर दी थी। क्यूंकि हिरण्यकश्यप भगवान विष्णु से नफरत करता था और उसका पुत्र प्रह्लाद भगवन विष्णु का बहुत बड़ा भक्त था। हिरण्यकश्यप की बहन होलिका नाराज होकर प्रह्लाद को लेकर चिता में बैठ गई लेकिन प्रह्लाद को कुछ भी नहीं हुआ। होलिका आग में भस्म हो गई। तभी से इस त्यौहार की मान्यता होली के रूप में है।
होलिका दहन किस दिन किया जाता है?
होलिका दहन फाल्गुन (फागुन) मास की पूर्णिमा के दिन किया जाता है.
होलिका को कौन सा वरदान मिला था?
अग्नि में न जलने का वरदान प्राप्त था.
होली के उपलक्ष में कौन-कौन से पकवान बनाये जाते हैं ?
होली पर सभी लोग अपने घरों में गुझिया, पापड़, नमकीन, मिठाई, आदि पकवान बनाते हैं।
होली पर हमे कौन-कौन सी बातों को ध्यान में रखना होता है ?
होली मनाते समय लोगों को कुछ बातों को ध्यान में रखना चाहिए जिसकी सूची नीचे दी जा रही है।
- होली मनाते समय सभी लोग कांच वाले रंगों का प्रयोग ना करें।
रोड पर चलते वाहनों पर पानी से भरे गुब्बारों व पिचकारी को ना मारे। यह दुर्घटना का कारण बन सकता है। - होली खेलते समय अपनी आँखों को बचाये व रंगों को लगाते समय चश्मे का प्रयोग करें.
- होली के दिन ऐल्कोहॉल का सेवन कर के वाहनों को ना चलाएं.
होली का क्या महत्व है?
होली का महत्व - बुराई पर अच्छाई की जीत की प्रतीक होली का सामाजिक महत्व भी है। यह एक ऐसा पर्व होता है जब लोग आपसी मतभेद भुलाकर एक हो जाते हैं। मान्यता है कि इस दिन अगर किसी को लाल रंग का गुलाल लगाया जाए तो सभी तरह के मनभेद और मतभेद दूर हो जाते हैं। क्योंकि लाल रंग प्यार और सौहार्द का प्रतीक होता है।
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